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RENT VS HOME LOAN : लोन लेकर घर खरीदने में फायदा या फिर किराए के मकान में रहने में , जानें आपके लिए क्या हैं सबसे फायदेमंद

Samay Samachar Digital Desk, नई दिल्ली : RENT VS HOME LOAN : आज के समय में घर खरीदना बहुत आसान हो गया है क्योंकि घर खरीदने के लिए हमें आधे से ज्यादा पैसा बैंक से लोन के रूप में मिल जाता है और डाउन पमेंट जितनी सेविंग हम कर लेते हैं या इधर-उधर से जुगाड़ कर लेते हैं। मिडिल क्लास फैमिली के लिए घर खरीदना एक बहुत बड़ा सपना होता है लेकिन लेकिन उनके पास घर खरीदने के लिए एकमुश्त रकम न होने के कारण उन्हें बैंक से होम लोन का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन लोन लेकर घर खरीदना कहीं आपके लिए घाटे का सौदा तो नहीं है आईए जानते हैं क्या लोन पर घर खरीदना सही फैसला है?

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आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि लोन लेकर घर खरीदना किसी भी प्रकार से फायदे का सौदा नहीं है इससे अच्छा तो यह है कि आप सारी उम्र किराए का मकान लेकर ही रहें। लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप खुद भी आकलन कर सकते हैं कि लोन लेना आपके लिए फायदेमंद है या घाटे का सौदा। आमतौर पर लोग जब लोन लेते लेते हैं तो बैंक वाले उन्हें शुरुआत में तो चिकनी चुपड़ी बातों से अपने झांसे में ले लेते हैं लेकिन बाद में वह EMI के भंवर में फंस कर रह जाते हैं। हमारे देश में अधिकतर बैंक होम लोन कम से कम 20 साल के लिए देते हैं इसलिए वह व्यक्ति 20 साल तक EMI के भंवर में ही फंसा रहता है आइए समझते हैं कि घर खरीदना बेहतर सौदा होगा या किराए के मकान में रहना…

RENT VS HOME LOAN : समझिए लोन का पूरा गणित –

दरअसल देश में अधिकतर मिडिल क्लास फैमिलीज 2 BHK फ्लैट खरीदती है खासकर बड़े शहरों में यही चलन है। 2 BHK के घर की कीमत शहर के हिसाब से तय होती है अगर उदाहरण के तौर पर दिल्ली-एनसीआर को लें तो यहां पर 2BHK घर करीब 40 लाख रुपए में मिलता है इसके लिए ग्राहक को कुल रकम का 15 फीसदी डाउन पेमेंट के रूप में जमा करवाना होता है। यानी कि उसे कम से कम 5 से 6 लाख रुपए डाउन पेमेंट के रूप में देने होते हैं इसके बाद स्टैंप ड्यूटी,रजिस्ट्रेशन और ब्रोकरेज के चार्जेज अलग से लगते हैं। इतना ही नहीं नया घर खरीदने पर हमें उसमें इंटीरियर,फर्नीचर और डेकोरेशन का खर्चा भी करवाना पड़ता है जिस पर एक अनुमान के मुताबिक 5 से 7 लाख रुपए खर्च होते हैं डाउन पेमेंट। और इस खर्च को जोड़ दें तो घर में प्रवेश करने से पहले ही 12 से 14 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं।

विस्तार से समझते हैं माना कि आप कोई एक 40 लाख का फ्लैट खरीदते हैं और उसके लिए ₹5,00,000 का डाउन पेमेंट देते हैं और बाकी 35 लाख रुपए बैंक से होम लोन के रूप में लेते हैं यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो वर्तमान समय में 9 फ़ीसदी की ब्याज दर पर आपको होम लोन मिल जाता है। माना कि आप लोन 20 साल के लिए लेते हैं तो 35 लाख रुपए के होम लोन पर 9 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 31,490 रुपए की EMI बनती है इसके अलावा डाउन पेमेंट और कई अन्य चीजों पर भी आपको करीब 10 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे।

अब दूसरी तरफ यदि आप वही घर किराए पर लेते हैं तो ₹15000 तक आपको आसानी से वह घर किराए पर मिल जाएगा इस तरह है आप EMI की बाकी रकम 16000 रुपए आप  हर महीने बचत कर पाएंगे। अब इस पैसे को यदि आप अच्छी रणनीति बनाकर किसी जगह पर निवेश करते हैं तो करोड़ों रुपए का फंड तैयार कर सकते हैं और आज के समय में बेहतर निवेश के लिए कई शानदार संसाधन उपलब्ध है।

यह तो सिर्फ EMI से बचत होने वाली रकम की इन्वेस्टमेंट पर बात हो गई अब यदि देखें तो डाउन पेमेंट व एक्स्ट्रा खर्च के लिए जो 10 लाख रुपए लगने थे वह रकम आपके पास एकमुश्त बची हुई पड़ी है। यदि इस रकम को आप एक साथ कहीं निवेश कर देते हैं तो 20 साल बाद यह रकम बहुत बड़ी हो जाएगी। 20 साल बाद में यही रकम 12 फीसदी सालाना ब्याज दर के हिसाब से करीब 97 लाख रुपए हो जाते हैं और यदि 15 फ़ीसदी ब्याज दर मिलती है तो 20 साल बाद में यही रकम 1.64 करोड रुपए हो जाएगी।

अब यदि आप घर खरीदते हैं तो आपको लोन चुकाने में काम से कम 20 साल लगेंगे फिर हमारे देश में होम लोन की ब्याज दरें और रियल एस्टेट की रेट हर साल 6 से 8 फ़ीसदी की दर से बढ़ रही है। इसके आधार पर देखें तो जो घर आज आप 40 लाख रुपए में खरीदेंगे वही घर 20 साल बाद आपको 1.20 करोड़ रुपए में मिलेगा। लेकिन घर पुराना होने के साथ में उसकी कीमत भी घटती जाती है वहीं दूसरी तरफ अगर आप यही रकम कहीं निवेश करते हैं तो यह रकम 1.64 करोड रुपए हो जाती है इस तरह हमने देखा कि लोन लेकर घर खरीदने कि बजाय किराए के मकान में रहना फायदे का सौदा है।

SIP में मिलेगा तगड़ा ब्याज –

अब हम आपके निवेश के बेहतर विकल्प के बारे में भी बता देते हैं यदि आप कम मेहनत पर ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो इस मामले में शिप सबसे अच्छा विकल्प है शिप में 10 से 12 फीस दी का रिटर्न आम बात है अगर आप 12 फीस दी रिटर्न देने वाली सीप में प्रतिमा 16000 रुपए का निवेश करते हैं तो 20 साल पूरे होने के बाद आपके करीब एक पॉइंट 60 करोड रुपए मिलेंगे जबकि आप 20 साल में लगभग 38 लाख रुपए का निवेश करेंगे और आपको ऐसा 15 फ़ीसदी तक रिटर्न देने वाली सीप भी मिल जाएगी अगर ऐसी किसी शिप में आप ₹16000 प्रति माह का निवेश करते हैं तो 20 साल के बाद आपके पास करीब 2.42 करोड रुपए इकट्ठे हो जाएंगे।

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