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Rbi Policy News : RBI ने छोटे लोन लेने पर दी चेतावनी, बंद हो सकती EMI, जाने आरबीआई का फैसला   

लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक न इस तरह के छोटे लोने और क्रेडिट कार्ड के उपयोग को लेकर बड़ी सख्ती जताई है, आपको बता दे की रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन पर कड़क नियम निकाले है जिसका पालन बड़ी सख्ती से करना होगा..

Samay Samachar Digital Desk, नई दिल्ली : Rbi Policy News : बाजारों में कई तरह की लोंन स्कीमे चल रही है जिसमे आप कोई भी वस्तु खरीद के बाद में आप उसको किस्तों में पैसो भुगतान कर सकते हो, बाय नाउ पे लेटर, EMI पर आप कोई मोबाइल फोन या कोई दूसरी वस्तु  खरीद सकते है. 

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लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक न इस तरह के छोटे लोने और क्रेडिट कार्ड के उपयोग को लेकर बड़ी सख्ती जताई है, आपको बता दे की रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन पर कड़क नियम निकाले है जिसका पालन बड़ी सख्ती से करना होगा.. 

क्या जल्द ही ‘नो कॉस्ट ईएमआई’ या ‘बाय नाउ पे लेटर’ जैसे ऑप्शन से शॉपिंग होना बंद हो जाएगी? देश में स्मॉल लोन ‘चॉकलेट’ की तरह बंट रहे हैं। 

इसमें भी अधिकतर लोन तो 10 हजार रुपए से भी कम राशि के हैं। बैंक भी कॉम्प्टीशन में खूब बढ़-चढ़ कर लोगों को ये लोन बांट रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बैंकों के बिजनेस के लिए काफी जोखिम भरा बताया है 

और इसे लेकर वह बैंकों को कई बार चेतावनी भी दे चुका है। अब केंद्रीय बैंक ने इसे लेकर खुद ही कड़ी कार्रवाई की है।

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बैंक को बेहतर पाँलिसी की जरूरत होगी –

ये छोटे-छोटे लोन एनपीए में कन्वर्ट ना हो। इसलिए अब आरबीआई ने बैंकों को इनके बेहतर रिस्क मैनेजमेंट के दिशानिर्देश दिए हैं। आरबीआई का कहना है कि इस तरह के लोन्स से जुड़े रिस्क के लिए बैंकों को अब पहले से ज्यादा राशि अलग से अपनी बैलेंसशीट में रखनी होगी। 

यानी बैंक अभी जैसे एनपीए के लिए अलग से राशि का इंतजाम करते हैं, अब उन्हें इस तरह के लोन के लिए भी वैसा ही करना होगा। सिर्फ इतने भर से काम नहीं चलेगा। 

बैंकों को एक बोर्ड की निगरानी वाली प्रोसेस भी डेवलप करनी होगी जो फाइनेंशियल सिस्टम में इस तरह के लोन से बढ़ने वाले जोखिम से बचाव करेगी। आरबीआई ने गुरुवार को ही बैंकों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए ये रिस्क वेटेज बढ़ा दिया है।

Rbi Policy News बढ़ते आंकड़ो को लेकर उठाया ये कदम 

भले ये छोटी-छोटी राशि के लोन हैं, लेकिन आरबीआई को इससे देश के फाइनेंशियल सिस्टम में रिस्क बढ़ने का डर है, क्योंकि ये सभी लोन अनसिक्योर्ड हैं। मतलब कि इन लोन के बदले में लोग कोई भी एसेट गिरवी नहीं रखते। 

अनसिक्योर्ड लोन से जुड़े आंकड़ों ने भी आरबीआई की चिंता बढ़ाई है। देश में अनसिक्योर्ड लोन लेने की ग्रोथ 23 प्रतिशत रही है, जबकि देश में क्रेडिट लेने की सामान्य ग्रोथ 12 से 14 प्रतिशत ही है।

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बंद हो सकती है नो कास्ट EMI ?

केंद्रीय बैंक के इस कदम का असर बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर पर सीधा पड़ेगा। बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के लिए इस तरह के लोन महंगे हो जाएंगे, जिससे वह बहुत आसानी से इन लोन को देने से बचने की कोशिश करेंगी। 

वहीं संभव है कि वह ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड या अन्य तरह की ईएमआई पर ज्यादा ब्याज लेना शुरू कर दें। हालांकि आरबीआई के ये नियम होम, एजुकेशन, व्हीकल और गोल्ड लोन इत्यादि पर लागू नहीं होंगे।

FAQ :-

Q. वर्तमान में आरबीआई जनरल कौन है?

उतर –  वर्तमान में श्री शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वर्तमान गवर्नर हैं।


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