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PM KISAN YOJANA : दीपावली पर सरकार ने दी बड़ी खुशखबरी, 15वीं किश्त को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस तारीख को खाते में आएंगे पैसे

Samay Samachar Digital Desk, नई दिल्ली : PM KISAN YOJANA : अगर आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं और 15 वीं किश्त का इन्तजार कर रहे हैं तो आपके लिए ये खबर बहुत काम की है. सरकार जल्द ही 15वीं किश्त जारी कर सकती है. अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नवम्बर महीने के अंत तक पीएम सम्मान निधि की 15वीं किश्त किसानों के खाते में आ जाएगी. डीबीटी एग्रीकल्चर बिहार की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार जिन किसानों ने ई-केवाईसी नहीं करवा रखी है उनके खाते में 15वीं किश्त नहीं जमा होगी. लाभार्थियों को 15वीं किश्त लेने के लिए ई-केवाईसी करवाना जरूरी है.

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ऐसे चेक करें लिस्ट में अपना नाम –

  • सबसे पहले पीएम क‍िसान की ऑफ‍िश‍ियल वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पोर्टल पर जाएं.
  • यहां पर पेमेंट सक्सेस टैब में इंड‍िया का मैप द‍िखाई देगा.
  • अब दांयी तरफ एक पीले रंग का टैब ‘डैशबोर्ड’ द‍िखेगा, इस पर क्‍ल‍िक करें.
  • क्लिक करने के बाद आप एक नए पेज पर पहुंच जाएंगे.
  • विलेज डैशबोर्ड टैब पर आपको अपनी पूरी डिटेल भरनी होगी.
  • यहां पर राज्य, जिला, उप-जिला और पंचायत का चयन करें.
  • अब आप शो बटन पर क्लिक करें.
  • इसके बाद आप अपनी डिटेल्स स‍िलेक्‍ट कर सकते हैं.

PM KISAN YOJANA : 2019 में मोदी सरकार ने शुरू की थी योजना –

पीएम किसान योजना को सरकार की तरफ से 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से शुरू क‍िया गया था. इस योजना का मकसद खेती योग्‍य भूम‍ि रखने वाले क‍िसानों को आर्थ‍िक तौर पर मदद करना है. योजना के तहत लाभार्थी क‍िसानों को सालाना 6000 रुपये द‍िये जाने का प्रावधान है.

यह पैसा दो-दो हजार रुपये की तीन क‍िश्‍तों में लाभार्थी क‍िसानों के खाते में भेजा जाता है. सरकार की तरफ से इस योजना का फायदा इनकम टैक्‍स भरने वाले क‍िसान, सरकारी नौकरी करने वालों को नहीं द‍िया जाता.

आधार सीडिंग भी है जरुरी –

सरकार की तरफ से 14वीं क‍िस्‍त को जुलाई में जारी क‍िया गया था. सरकार की तरफ से पहले ही बताया जा चुका है क‍ि ऐसे क‍िसानों के खाते में 2000 रुपये नहीं आएंगे, ज‍िनका अकाउंट अलग-अलग पोर्टल से ल‍िंक नहीं हुआ है.

प‍िछले द‍िनों सरकार को पता चला क‍ि कुछ अपात्र क‍िसानों की तरफ से भी योजना का फायदा उठाया जा रहा है. इसके बाद क‍िसानों के सत्‍यापन के ल‍िए ई-केवाईसी प्रक्र‍िया को शुरू क‍िया गया. भूलेख सत्‍यापन के अलावा आधार सीड‍िंग भी जरूरी है.

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